तेरी उल्फत में | मोहब्बत और दोस्ती से भरी एक दास्तान ! | पार्ट 02
कुछ देर बाद मिस्टर शर्मा चले गये, और पूरा क्लास बाहर आ गया. सब इधर उधर ग्रूप्स बना कर खड़े हो गये. अर्सलान एक कोने मैं बैठा था. तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा, एक लड़का था जो मुस्कुरा रहा था.
“दोस्त क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ?” अर्सलान ने कहा “जी ज़रूर.”
वो लड़का उसके पास बैठ गया और बोला “मेरा नाम राज है, तुम नए आए हो यहाँ पर. सोचा थोड़ी जान पहचान कर लेता हूँ.”
अर्सलान बोला “शुक्रिया राज. आप से मिल कर खुशी हुई.”
इस पर राज बोला “खुशी ऐसे नही ज़ाहिर करो, चलो मैं तुम्हे अपने दूसरे दोस्तों से भी मिलता हूँ. और अब यहाँ अपने को अकेला नही समझ ना. तुम भी हुमारे साथ रहा करो.” राज उसको अपने साथ लेकर कॅंटीन मैं चला गया, जहाँ एक टेबल पर कुछ लोग बैठे थे.
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राज बोला “दोस्तों हमारी चंडाल चौकड़ी मे इस्तिक़बाल करिए अर्सलान मिया का. जनाब उत्तर प्रदेश से तशरीफ़ लाए हैं. पढ़ने मैं काफ़ी ज़हीन हैं. अब यह अपने साथ रहेंगे. आप सब से गुज़ारिश है की इनको बिल्कुल भी अकेला ना महसूस होने दे।”‘
राज फिर एक साँस ले के बोला “अर्सलान , मैं तुम्हे इन सब का नाम बताता हूँ, यह चश्मिश जो दिख रहा है, इसका नाम तो साहिल है, पर इसको हम न्यूटन कहते है, जनाब बहुत बड़े पढ़ाकू हैं। इसके साथ बैठी जो ख़तरनाक सी बंदी है इसका नाम हिना है. इसका नाम हीना है, और इसका फॅवुरेट टाइम पास लड़ना है, लड़ने का बहाना चाहिए.”
तभी राज के चेहरे पर एक पेपर बॉल पड़ा. इस पर वो बोला “ देखा मिल गया ना इसको मौका. कॉलेज मे कोई लड़ाई हो इसको साथ ले जाना. लोग ऐसे ही भाग जाएँगे. इसके बगल मैं बैठा बंदा है रोहित. इसको पढ़ने से कोई मतलब नही रहता, यह सिर्फ़ खाता है, सोता है और जिम मे पाया जाता है, देखो अभी भी यह छोले कुलचे ही खा रहा है.”
तभी पीछे से एक लड़की की आवाज़ आई, “राज मुझे भूल गये?”
राज बोला “नही आप दिखी नही ना। हाँ तो भाई, मोहतरमा का नाम है सना। पर हम कहते हैं इनको, लेडी गूगल। इनको दुनिया की सारी खबर रहती है, कोई इश्यू हो कोई ज़रूरत हो, बस एग्ज़ॅम के पेपर्स को छोड़ कर सब इनके दरबार में सॉल्व हो जाते हैं। ”
अर्सलान बारी बरी सब से मिला. सब ने गरम्जोशी से उसका वेलकम किया. फिर अर्सलान ने बताया अपने बारे मे . और राज से बोला की “राज अपने बारे मे भी तो बता दो.”
इसपर हिना बोली “अरे इसके बारे में, मैं बताती हूँ. यह एक नंबर का फालतू इंसान है. बेढंगा. कोई काम वक़्त पर ना करने वाला.सिर्फ़ यहाँ वहाँ घूमता रहता है.”
इस पर सब हसने लगे और राज ने एक पेपर बॉल उठा कर हिना को मारा.
थोड़ी देर इधर उधर की बातों के बाद, राज बोला “यार अर्सलान तुम दूसरे शहेर से आए हो कोई दिक्कत हो तो बताओ. कोई शरम ना करना. ”
इस पर अर्सलान बोला “ हाँ एक ज़रूरत है. मैं हॉस्टिल मे नहीं रहना चाहता. असल मैं स्टडीस के साथ कोई जॉब भी करना चाहता हूँ. हॉस्टिल मे तो पासिबल नही हैं.”
राज बोला “परेशान ना हो, लेडी गूगले जी की शरण में चले जाओ. सना , अपना नेटवर्क का इस्तेमाल करिए.”
सना बोली “अर्सलान, कल तक तुम्हारा काम हो जाएगा। वैसे मैं तो हॉस्टल में ही सेटिंग करवा सकती हूँ. यहाँ के वार्डन अच्छे हैं। पार्ट टाइम जॉब के लिए मन नहीं करेंगे।
अर्सलान बोला “शुक्रिया सना। बस जॉब करने को मन न करें तो हॉस्टल ही सही रहेगा।”
साना बोली “शुक्रिया रखो अपने पास, हम दोस्तों के बीच यह सब नही चलता. इस बात का ध्यान रखना.”
इस पर सब हॅसने लगे. इसी तरह पूरा दिन निकल गया, और अर्सलान सब से अलग हुवा, न्यूटन उसके साथ हो लिया, क्यों की वो भी हॉस्टिल मैं रहता था. दोनों एक साथ बात करते हुवे चल दिए।
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